हज़रत अली की शान-Hazrat Ali, Imam Hasan, Imam Hussain aur Imamon ka Maqam | इस्लाम में इमामों की अहमियत

प्यारे इस्लामी भाइयों और बहनों,
इस लेख में हम इस्लाम के उन महान व्यक्तित्वों का ज़िक्र करेंगे जिन्हें हज़रत इमाम कहा जाता है। ये सभी इमाम इस्लाम की हिफाज़त और उसके असली पैग़ाम को आगे बढ़ाने वाले अज़ीम रहनुमा रहे हैं।
हज़रत अली पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) के चचेरे भाई और दामाद थे। वे इस्लाम के पहले युवाओं में से थे जिन्होंने इस्लाम कबूल किया।
उनकी शहादत 661 ई. में हुई थी, जब उन्हें कूफ़ा की मस्जिद में नमाज़ के दौरान शहीद किया गया।
हज़रत इमाम हसन पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) के नवासे और हज़रत अली व फातिमा (र.अ) के बड़े बेटे थे।
उनकी शहादत 670 ई. में हुई जब उन्हें ज़हर दे दिया गया।
हज़रत इमाम हुसैन पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) के छोटे नवासे थे।
उनकी शहादत 680 ई. में कर्बला के मैदान में हुई, जब उन्होंने यज़ीद के खिलाफ हक़ और इंसाफ़ की लड़ाई लड़ी।
इमाम हुसैन (अ.स) के बेटे और कर्बला के वारिस।
अल्लाह तआला हमें हज़रत इमामों की सीरत से सीखने और उनके बताए रास्तों पर चलने की तौफीक़ अता फरमाए। आमीन।
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