72 Shuhada-e-Karbala ke Naam | कर्बला के 72 शहीदों की सूची
कर्बला की लड़ाई में 72 बहादुर शहीदों ने अपने प्राण न्योछावर किए। ये शहीद इमाम हुसैन (रज़ि.) के परिवारजन और वफादार साथी थे, जिन्होंने इस्लाम, इंसाफ और सच्चाई के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।
इमाम हुसैन के परिवार के शहीद
- अली अकबर इब्न हुसैन
- अली असगर इब्न हुसैन
- अब्बास इब्न अली
इमाम हुसैन के साथी
- हबीब इब्न मुजाहिर
- अबू थुमामा अल-सैदी
- मुस्लिम इब्न अवसजा
- जुनादा इब्न हर्थ
- हुर्र इब्न यजीद अल-रियाही
- अम्र इब्न कालीजा
- हानी इब्न अरवा
- सईद इब्न अब्दुल्लाह
- अम्र इब्न खालिद
- मसूद इब्न हाज्जाज
- जाफर इब्न हाज्जाज
अन्य शहीदों के नाम
- अब्दुल्लाह इब्न उमर
- अब्दुल्लाह इब्न हुसैन
- अब्दुल्लाह इब्न मुस्लिम
- अब्दुल्लाह इब्न अरवा
- अब्दुल्लाह इब्न बशीर
- अब्दुल्लाह इब्न यजीद
- अब्दुल्लाह इब्न जाफर
- अब्दुल्लाह इब्न हसन
- अब्दुल्लाह इब्न हुसैन
- अब्दुल्लाह इब्न उमर
- अब्दुर्रहमान इब्न अरवा
- अब्दुर्रहमान इब्न अब्दुल्लाह
- अब्दुर्रहमान इब्न कासिम
- अब्दुर्रहमान इब्न मसूद
- अब्दुर्रहमान इब्न यजीद
- अबू बक्र इब्न हसन
- अबू बक्र इब्न हुसैन
- अबू उमर इब्न हसन
- अबू उमर इब्न हुसैन
- असमा इब्न कालीजा
- असमा इब्न सलामा
- अहमद इब्न हसन
- अहमद इब्न हुसैन
- इब्न फजल इब्न हसन
- इब्न फजल इब्न हुसैन
- इब्न उमर इब्न हसन
- इब्न उमर इब्न हुसैन
- इब्न अब्दुल्लाह इब्न हसन
- इब्न अब्दुल्लाह इब्न हुसैन
- इब्न अरवा इब्न हसन
- इब्न अरवा इब्न हुसैन
- इब्न कालीजा इब्न हसन
- इब्न कालीजा इब्न हुसैन
- इब्न मसूद इब्न हसन
- इब्न मसूद इब्न हुसैन
- इब्न यजीद इब्न हसन
- इब्न यजीद इब्न हुसैन
- जाफर इब्न हसन
- जाफर इब्न हुसैन
- जुनादा इब्न कालीजा
- जुनादा इब्न मसूद
- जुनादा इब्न यजीद
- हसन इब्न हसन
- हसन इब्न हुसैन
- हुसैन इब्न हसन
- हुसैन इब्न हुसैन
- हुर्र इब्न यजीद
- कासिम इब्न हसन
- कासिम इब्न हुसैन
- खालिद इब्न अमर
- खालिद इब्न अरवा
- खालिद इब्न कालीजा
- खालिद इब्न मसूद
- खालिद इब्न यजीद
- मसूद इब्न हसन
- मसूद इब्न हुसैन
- मुजाहिद इब्न कालीजा
कुछ प्रमुख शहीदों का परिचय
- अली अकबर इब्न हुसैन: इमाम हुसैन के बड़े बेटे।
- अली असगर इब्न हुसैन: इमाम हुसैन के छह महीने के छोटे बेटे।
- अब्बास इब्न अली: इमाम हुसैन के भाई और बहादुर सेनापति।
- हबीब इब्न मुजाहिर: हुसैन के बुज़ुर्ग साथी, जिन्होंने अंत तक साथ निभाया।
- हुर्र इब्न यज़ीद: पहले यज़ीद की सेना में थे, बाद में इमाम हुसैन का साथ देकर शहीद हुए।
इन सभी शहीदों की शहादत इस्लामी इतिहास में अमिट छाप छोड़ती है। ये सभी इंसाफ, सब्र और सच्चाई की राह पर डटे रहे और हमें यह सिखाते हैं कि ज़ुल्म के सामने झुकना नहीं चाहिए, चाहे कीमत जान ही क्यों न हो।
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