Qayamat Ka Din | क़यामत की निशानियाँ | क़यामत कब आएगी – इस्लाम में क़यामत का बयान
प्यारे इस्लामी भाइयों और बहनों,
इस लेख में हम जानेंगे क़यामत (Judgement Day) के बारे में इस्लाम में क्या बताया गया है: क़यामत के संकेत (Signs of Qayamat), महत्वपूर्ण घटनाएँ, और हदीस और कुरान में बताए गए बड़े अलामात। यह दिन हक़ है और ईमान का हिस्सा है, जैसा कि कुरान और सही हदीसों में दर्ज है।
क़यामत क्या है?
क़यामत वह दिन है जब अल्लाह तआला तमाम इंसानों और जिन्नों को उनके कर्मों के आधार पर न्याय देगा। उस दिन कोई ज़ुल्म नहीं होगा। यह दिन "यौमुल हश्र", "यौमुद्दीन", और "अल-साआह" जैसे नामों से भी कुरान में वर्णित है।
क़यामत के प्रकार
- सुघरा क़यामत (छोटी क़यामत): जब किसी इंसान की मौत होती है, तो उसके लिए क़यामत शुरू हो जाती है।
- कुबरा क़यामत (बड़ी क़यामत): वह दिन जब पूरी दुनिया का अंत होगा और सबको पुनर्जीवित किया जाएगा।
क़यामत की निशानियाँ (Signs of Qayamat)
धार्मिक संकेत:
- कुरान की तफ़सीर का खात्मा – लोग केवल लफ़्ज़ पढ़ेंगे, समझना छोड़ देंगे।
- नमाज़ की उपेक्षा – मस्जिदें खाली, दिल सख़्त हो जाएंगे।
- ज़कात और सादक़ा देना बंद कर दिया जाएगा।
सामाजिक संकेत:
- फितना (अराजकता) का फैलाव – भाई भाई का दुश्मन बनेगा।
- बेईमानी, रिश्वत और धोखाधड़ी आम हो जाएगी।
- बच्चे बड़ों की इज्जत नहीं करेंगे।
- संगीत और नाच-गाने को आम कर दिया जाएगा।
प्राकृतिक संकेत:
- भूकंप और तूफानों की अधिकता।
- सूरज का पश्चिम से निकलना (Sun Rising from the West)।
- आग का निकलना जो सबको हश्र के मैदान की ओर हांक लेगी।
क़यामत की बड़ी घटनाएँ
- इसराफ़ील अ.स. सूर फूंकेंगे – सबकी मौत होगी।
- सूर दोबारा फूंका जाएगा – सबको फिर से ज़िंदा किया जाएगा।
- हश्र का मैदान – सब इंसान जमा होंगे।
- अमलनामा (Book of deeds) बांटे जाएंगे।
- मिज़ान (Scale) पर कर्म तोले जाएंगे।
- सिरात पुल – सबको पार करना होगा, जन्नत या जहन्नम की ओर।
दज्जाल, ईसा मसीह और क़यामत
- दज्जाल: वह सबसे बड़ा फ़ितना होगा, झूठ और मोजिज़ों से लोगों को गुमराह करेगा।
- हज़रत ईसा (अ.स): आसमान से उतरेंगे, दज्जाल का अंत करेंगे, और इंसाफ़ के साथ हुकूमत करेंगे।
या'जूज और मा'जूज (Gog & Magog)
यह दो ताक़तवर और तबाही मचाने वाली क़ौमें होंगी जो इंसानों पर हमला करेंगी। हज़रत ईसा (अ.स) की दुआ से अल्लाह इन्हें खत्म करेगा।
महत्वपूर्ण कुरानी आयतें
- “हर जान को मौत का स्वाद चखना है।” – (कुरान 3:185)
- “जब सूर फूंका जाएगा, तो सब घबरा जाएंगे।” – (कुरान 27:87)
हदीसों में आई क़यामत की निशानियाँ
- दज्जाल का आना
- हज़रत ईसा (अ.स) का उतरना
- या'जूज-म'आजूज का फैलाव
- तीन ज़मीन धंसने की घटनाएं – पूरब, पश्चिम, अरब
- धुआं (Dukhan) – पूरी दुनिया को ढँक लेगा
- सूरज का पश्चिम से निकलना
क़यामत से पहले की तैयारी
- तौबा और इस्तग़फार में लगे रहें।
- नमाज़, रोज़ा, ज़कात और हज जैसे फराइज़ अदा करें।
- अख़लाक़ और इंसाफ से काम लें।
- इल्म और दीन की तालीम को फैलाएं।
अल्लाह तआला हमें क़यामत की तैयारी करने, सही रास्ते पर चलने, और दज्जाल व फितनों से महफूज़ रहने की तौफीक़ अता फरमाए। आमीन।
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