Quran Aur Hadees Ki Baatein | कुरान की ख़ास बातें | कुरान हदीस की बातें हिंदी में

अल्लाह की नेक बातें, दीन और ईमान से जुड़ी अच्छी बातें, कुरान और हदीस की मुख्य बातें हिंदी में।
इस्लाम में सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली किताब कुरान ए पाक(कलाम पाक ) है। इसके साथ ही कुछ चुनिंदा हदीस भी हैं, जिन्हें पढ़ना पसंद किया जाता है। यहां हम कुछ खास हदीस और कुरान की बातें हिंदी में पेश कर रहे हैं।
यह हदीस की एक पंक्ति है जो निकाह के बारे में बात करती है। इसका हिंदी अनुवाद यह है
यह्या इब्न यह्या तमीमी, मुहम्मद इब्न अला, अबू बक्र इब्न अबी शैबा, अबी मुआविया, अ'मश, इब्राहिम, हज़रत अलकमा (रजि.) से रिवायत है कि उन्होंने फरमाया, मैं हज़रत अब्दुल्लाह (रजि.) के साथ मिना की तरफ पैदल चल रहा था कि हज़रत अब्दुल्लाह (रजि.) से हज़रत उस्मान
(रजि.) की मुलाकात हुई। तो उन्होंने उनसे फरमाया, ऐ अबू अब्दुर्रहमान! क्या हम तुम्हारा निकाह एक ऐसी जवान लड़की से न कर दें जो तुम्हें तुम्हारी गुज़री हुई उम्र में से कुछ याद दिला दे? तो हज़रत अब्दुल्लाह (रजि.) ने फरमाया, अगर आप यह फरमाते हैं तो रसूलुल्लाह
(स.) ने हमें फरमाया, ऐ जवानों के गिरोह! तुम में जो निकाह करने की ताकत रखता हो उसे चाहिए कि वह निकाह कर ले क्योंकि निकाह आंखों को बहुत ज्यादा नीचे रखने वाला और ज़ना से महफूज रखने वाला है, और जो निकाह करने की ताकत न रखता हो तो वह रोज़े रखे क्योंकि रोज़े
रखना उसके लिए खसी (नामर्द) होना है।"
यह हदीस निकाह के महत्व और उसके फायदों के बारे में बात करती है।
हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने तलाक के बारे में इस्लाम के अंदर बहुत ही साफ तरीके से बयान फार्मा दिया है यहां पर आपको हम सही मुस्लिम की हदीस बताते हैं जो जमाने के हिसाब से रिवाज बन चुका है हम आपको इस रिवाज और हदीस की सही नुमाइंदगी करवा देते हैं
जिस औरत का महीना आता हो(periods) इसकी इजाजत के बगैर क्या तलाक देने का क्या हुक्म है अगर किसी ने तलाक दी दी तो तलाक ना होगी
ترجمہ:
یحییٰ بن یحییٰ تمیمی، مالک بن انس، نافع، حضرت ابن عمر (رض) سے روایت ہے کہ انہوں نے رسول اللہ ﷺ کے زمانہ میں اپنی بیوی کو اس حال میں طلاق دی کہ وہ حائضہ تھیں تو حضرت عمر بن خطاب (رض) نے رسول اللہ ﷺ سے اس بارے میں پوچھا تو رسول اللہ ﷺ نے ان سے فرمایا
ان کو حکم دو کہ وہ رجوع کرلیں پھر وہ اسی حالت میں رہے یہاں تک کہ وہ پاک ہوجائے پھر حائضہ ہوجائے پھر پاک ہوجائے پھر اس کے بعد اگر چاہیں روک رکھیں اور اگر چاہیں تو طلاق دیدیں اس سے پہلے کہ ان کو چھوئیں تو یہی وہ عدت ہے جس طرح اللہ تعالیٰ نے ان عورتوں
کے لئے حکم دیا ہے جنہیں طلاق دی گئی ہو۔
यह हदीस तालक के बारे में बात करती है, खासकर तब जब पत्नी हाइज़ (मासिक धर्म) से गुजर रही हो। हिंदी अनुवाद यह है: "यहया इब्न यहया तमीमी, मालिक इब्न अनस, नाफी, हज़रत इब्न उमर (रजि.) से रिवायत है कि उन्होंने रसूलुल्लाह (स.) के ज़माने में अपनी बीवी को तालक दिया जब वह हाइज़ से गुजर रही थीं। हज़रत उमर इब्न खत्ताब (रजि.) ने रसूलुल्लाह (स.) से इस बारे में पूछा, तो रसूलुल्लाह (स.) ने उनसे फरमाया, 'उन्हें हुक्म दो कि वह रुजू कर लें।' फिर वह उसी हाल में रहें जब तक वह पाक न हो जाएं, फिर हाइज़ से गुजरें, फिर पाक हो जाएं। फिर अगर चाहें तो रोक रखें और अगर चाहें तो तालक दे दें, लेकिन इससे पहले कि उन्हें छुएं। यही वह अदत है जिस तरह अल्लाह तआला ने उन औरतों के लिए हुक्म दिया है जिन्हें तालक दी गई हो।" यह हदीस तालक के नियमों और शर्तों के बारे में बात करती है, खासकर तब जब पत्नी हाइज़ से गुजर रही हो।
यह हदीस नबी (स.) के एक बयान के बारे में बात करती है, जिसमें उन्होंने कहा है कि लोगों की अच्छाई का सबसे ज्यादा हकदार कौन है। हिंदी अनुवाद यह है: "कुतैबा इब्न सईद, इब्न जमील इब्न तारिफ थकफी, ज़ुहैर इब्न हरब, जरीर, अम्मारा इब्न काकाका अबी ज़रअह, हज़रत अबू हुरैरा (रजि.) से रिवायत है कि एक आदमी रसूलुल्लाह (स.) की खिदमत में आया और उसने अर्ज़ किया कि लोगों में से सबसे ज्यादा मेरे अच्छे सलूक का हकदार कौन है? आप (स.) ने फरमाया, तेरी माँ। उस आदमी ने अर्ज़ किया, फिर किसका? आप (स.) ने फरमाया, तेरी माँ का। उसने फिर अर्ज़ किया, फिर किसका? आप (स.) ने फरमाया, तेरी माँ का। उसने अर्ज़ किया, फिर किसका? आप (स.) ने फरमाया, फिर तेरे बाप का। यह हदीस माँ और बाप के अधिकारों के बारे में बात करती है और यह बताती है कि माँ का अधिकार सबसे ज्यादा है।
यहाँ कुछ हदीसें हैं जो कुरआन की बातों पर आधारित हैं: अस्सलाम वालेकुम रहमतुल्लाह बरकातहू हमने बहुत सी कोशिश की बहुत सी छानबीन की बहुत सी किताबें को पढ़ा तब जाकर हम आपके लिए सादा जुबान में आसान तरीके से जिंदगी में काम आने वाली जिंदगी को बेहतर बनाने वाली और सच्चा मुसलमान बनाने के लिए अल्लाह रसूल का सही आशिक बनने के लिए हमने आपके लिए एक छोटी सी पेशकश तैयार की
प्यार इस्लामी भाइयों और बहनों यह रही हमारी तरफ से आपके लिए एक छोटी सी खिदमत जो आपकी रोजाना जिंदगी में काम आने वाली कुरान और हदीस से साबित इस्लाम की अच्छी और प्यारी सच्ची बातें हमें उम्मीद है कि आप लोग इस बात पर अमल करके हमारी एक छोटी सी पेशकश को कामयाब बनाएंगे अल्लाह की राह में रसूल के फरमान पर चलकर अपने आप को अपनी जिंदगी में इंकलाब पैदा करेंगे