सलाम करने का सही तरीका | Salam Karne Ka Sahi Tarika

मज़हब इस्लाम में किसी को बद्दुआ नहीं दी जाती अपना हो या पराया दुश्मन हो या दोस्त सबको दुआ ही दी जाती है और दुआ देने का इस्लाम में हमको बहुत ही खूबसूरत तरीका सिखाया है और बताया है इस लिए हम और आप जानते हैं सलाम करने का सही तरीका |
इसके अलावा अगर किसी भी शख्स ने किसी और तरीके से सलाम किया या उसका जवाब दिया तो वह गलत है हमें और आपको इसकी सही मालूमात और जानकारी करनी चाहिए
و حَدَّثَنِي عَمْرٌو النَّاقِدُ وَزُهَيْرُ بْنُ حَرْبٍ وَاللَّفْظُ لِزُهَيْرٍ قَالَا حَدَّثَنَا سُفْيَانُ بْنُ عُيَيْنَةَ عَنْ الزُّهْرِيِّ عَنْ عُرْوَةَ عَنْ عَائِشَةَ قَالَتْ اسْتَأْذَنَ رَهْطٌ مِنْ الْيَهُودِ عَلَی رَسُولِ اللَّهِ صَلَّی اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ فَقَالُوا السَّامُ عَلَيْکُمْ فَقَالَتْ عَائِشَةُ بَلْ عَلَيْکُمْ السَّامُ وَاللَّعْنَةُ فَقَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّی اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَا عَائِشَةُ إِنَّ اللَّهَ يُحِبُّ الرِّفْقَ فِي الْأَمْرِ کُلِّهِ قَالَتْ أَلَمْ تَسْمَعْ مَا قَالُوا قَالَ قَدْ قُلْتُ وَعَلَيْکُمْ
ترجمہ: عمرو ناقد زہیر بن حرب، زہیر سفیان بن عیینہ، زہری، عروہ حضرت عائشہ (رض) سے روایت ہے کہ یہودیوں کے ایک گروہ نے رسول اللہ ﷺ کے پاس آنے کی اجازت طلب کی تو انہوں نے اَلسَّامُ عَلَيْکُمْ (یعنی تم پر موت ہو) کہا۔ تو سیدہ عائشہ (رض) نے کہا بلکہ تم پر موت اور لعنت ہو۔ رسول اللہ ﷺ نے فرمایا اے عائشہ ! اللہ تعالیٰ تمام معاملات میں نرمی کو پسند کرتے ہیں عائشہ (رض) نے عرض کیا : آپ نے نہیں سنا۔ انہوں نے کیا کہا ہے ؟ آپ ﷺ نے فرمایا : میں وَعَلَيْکُمْ کہہ چکا ہوں۔
(हदीस) एक बार की बात है हजरत आयशा के पास कुछ लोग आए जिन्होंने सलाम का तरीका गलत अपनाया तो आपने जवाब ना दिया इस से पता चलता है कि हमें और आपको छोटी सी बात को हल्के में ना लें और दीन की बातों को मालूम कर कर अपनी जानकारी को बढ़ाएं और दूसरों को भी बताएं
प्यारे इस्लामी भाई और बहनों, आपको इस लेख को पढ़कर इस्लाम में सलाम करने का सही तरीका समझ में आ गया होगा। अल्लाह पाक सुन्नत तरीके पर अमल करने की तौफीक अता फरमाए।
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