कुर्बानी करने की दुआ और तरीका | Qurbani Ki Dua Tarika Jaane

qurbani karne ki dua hindi me

कुर्बानी करने की दुआ और तरीका | कुर्बानी करने का सही तरीका | हिंदी में कुर्बानी की दुआ | Qurbani Ki Hadees In Hindi

हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने कुर्बानी करना सुन्नत कहा है (कुर्बानी करना मेरे दादा हजरत इब्राहिम अली सलाम की भी सुन्नत है मसला) जो इस्लामी भाई कुर्बानी करने का इरादा रखते हो उनसे मेरी गुजारिश है कि जिल हिज का चांद दिखते ही अपने बाल और नाखून को न काटे हैं जिस हाल पर है उसी हाल पर छोड़ दे  

    QURBANI KI DUA IN HINDI

    • इन्नी वज्जहतु वजहि य लिल्लज़ी फ़त रस्मावाति वल अर्दा हनीफव व्मा अन मिनल मुशरिकीन इन्न सलाती वनुसुकी महयाय व ममाती लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
    • ला शरी क लहू व बि ज़ालि क उमिरतु व अन मिनल मुस्लिमीन  अल्लाहुम्मा मिनक व लक   बिस्मिल्लाहि अल्लाहु अकबर

    कुर्बानी के बाद की दुआ यानी जिबह बाद की दुआ

    • अल्लाहुम्मा तकब्बल मिन्नी कमा तकब्बलता मिन ख़लीलिक इबराहीमा अलैहिस्सलातू   वस्सलाम व हबीबिक मुहम्मदिन सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम

    क़ुरबानी अगर किसी और की तरफ से हो तो मिन्नी की जगह मीन कहकर उस शख्स का नाम ले  बहुत सी जगह देखा गया है  की ज़िबह के वक़्त जो भी हज़रात वहा मौजूद होते है  वो बा आवाज़ बुलंद अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर पढ़ते रहते है  यह अच्छा तरीका है  

    Qurbani ka Tarika. कुर्बानी का तरीका: -

    कुर्बानी हज़रत इब्राहिम की सुन्नत है जाने कुर्बानी का सुन्नत तरीका इस्लाम में कुर्बानी के जानवर के हर बाल के बदले में एक नेकी मिलता है। इसलिए इस्लाम में कुर्बानी को बहुत अहमियत दिया जाता है

    जानवर को कुर्बानी से पहले अच्छे से खिलाना और पिलाना चाहिए उसकी हिफ़ाज़त भी करनी चाहिए अपने नाम की कुर्बानी अपने हाथ से करना चाहिए यानी जिबह करना ।

    अगर आप जिबह नहीं कर सकते हैं तो किसी और से भी करवा सकते हैं लेकिन कुर्बानी के समय जानवर के पास मौजूद रहना अफ़जल माना जाता है। जिबह यानी कुर्बानी से पहले जानवर को अच्छी तरह से बांध दें साथ ही किबला की तरफ मुंह करके सुलाए और जिबह के लिए पहले औजार(चाकू) को खूब तेज़ कर लें।

     ज़बह करने वाले भी अपने आप को किबला रुख कर लें और कुर्बानी की दुआ पढ़ें।

    QURBANI KI DUA IN  ENGLISH

    • Innee waj jahtu wajahi ya lillazi fata rassamawati wal ard hanifauv wama ana minal mushrikina
    • inna salaati wanusuki wa mahyaya wamamaati lillahi rabbil aalmin La sharik lahu wa bizali ka wa umirtu
    • waana minal muslimin Allahumma m la  ka wa min ka bismillahi Allahu Akbar

    QURBANI KI DUA IN  ARABIC

    • اني وجهت وجهي للذي فطر السماوات والارض عنيفا وما انا من المشركين ان صلاتي ونسكي ومحياي
    • ومماتي لله رب العالمين لا شريك له وبذلك امرت وانا من المسلمين اللهم منك ولك بسم الله يا الله اكبر


    तर्जुमा: उस ज़ात की तरफ़ अपना रुख मोड़ा जिसने आसमानों को और जमीनों को पैदा किया इस हाल के इब्राहीम में हनीफ़ के दीन पर हूं और मुश्रिको में से नहीं हूँ। बेशक मेरी नमाज़ और मेरी इबादत और मेरा मरना और जीना सब अल्लाह के लिए है जो रब्बुल आलमीन है जिसका कोई शरीक नहीं और मुझे इसी का हुक्म दिया गया है और मैं फरमाबरदारों में से हूं ऐ अल्लाह यह कुर्बानी तेरी तौफ़ीक़ से है और तेरे लिए है।

    जो लोगों में बड़ा मशहूर है की कुर्बानी किन लोगों को करना चाहिए किन लोगों को नहीं करना चाहिए 

    कुर्बानी किन पर वाजिब है: 

    कुर्बानी हर मलिक निसाब पर वाजिब है जो 7:30 तोला सोना या साडे 52 तोला चांदी का मालिक हो या इनमें से किसी एक के बराबर पैसा हो तो उसे शख्स पर कुर्बानी वाजिब है अगर कुर्बानी नहीं करता है तो गुनाह  कबीरा में शुमार किया जाएगा

    मसला: मजहब इस्लाम में कोई भी काम कर्ज लेकर नहीं किया जाता इसकी शरीयत में कोई इजाजत नहीं है क्योंकि अल्लाह ताला तुम पर कोई तकलीफ नहीं डालना चाहता बहुत से लोग होते हैं जो शौक की वजह से कुर्बानी करते हैं हालांकि उनके पास पैसे नहीं होते हैं उनसे मैं कहना चाहूंगा कि जब आपके पास पैसे हूं आप मलिक निसाब  हो तब जाकर आप कुर्बानी करें