अलविदा जुम्मा मुबारक | Alvida-E- Jumma Mahe Ramzan| Shayari| Status Image

अल्लाह तबारक व ताला ने मुसलमान को साल भर के अंदर रमजान जैसी एक बड़ी नेमत अता किया रमजान के मुबारक महीने को अरबी भाषा में (माहे स्याम भी कहा जाता है) अल्लाह रब्बुल इज्जत ने सूरह बकरा में रमजान के बारे में इरशाद-
तर्जुमा: हमने रमजान के महीने में कुरान उतारा लोगों के लिए हिदायत और एक रोशन दलील से हिदायत और फुरकान बस जो इसमें से तुम में से कोई रमजान के महीने का पाए तो रोजा रखे और जो बीमार हो या सफर में हो तो बाद में इसकी गिनती पूरी करें बाद का मतलब इसलिए कि अल्लाह तुम पर आसानी चाहता है मुश्किल नहीं ताकि तुम गिनती पूरी करके अल्लाह का शुक्र अदा करो
अलविदा जुमा इसी महीने में आता है वैसे तो जुम्मा के बारे में आया है कि यह एक छोटी ईद है तमाम हफ्तों के दिनों में इस्लाम मजहब में ईद का दिन और अच्छा दिन माना जाता है जुम्मा में लोग नहा धोकर गुसल करके साफ सुथरा लिबास पहनकर के खुशबू लगा करके मस्जिद में आकर अल्लाह की इबादत करते हैं
वैसे ही रमजान के महीने में कभी कभी चार या कभी पांच जुम्मा पड़ता है इस आखिरी जुम्मा को अलविदा का जुम्मा कहा जाता है अलविदा के जुम्मा में साल भर में जो खुतबा पढ़ा जाता है अलविदा के जुमां का खुतबा अलग होता है अरबी में जब इमाम खुदवा पड़ता है तो एक लफ्ज़ बार-बार आता है
البداء البداء يا شهر رمضان
इसका मान ही हुआ अलविदा अलविदा ए माहे रमजान
हमें और आपको चाहिए की कसरत के साथ अल्लाह की इबादत करें जुम्मा में कसरत के साथ दुरूद पढ़ें