दरूद-ए-ताज की फ़ज़ीलत और पढ़ने का तरीका | Darood-e-Taj Benefits in Hindi

दरूद-ए-ताज एक प्रसिद्ध इस्लामी दरूद है जो पैग़ंबर मुहम्मद ﷺ की शान में पढ़ा जाता है। यह दरूद शरीफ़ न सिर्फ़ रूहानी फायदे देता है बल्कि दुनिया और आख़िरत में कामयाबी का भी ज़रिया है। इस लेख में हम जानेंगे दरूद-ए-ताज की फ़ज़ीलत, लाभ और पढ़ने का तरीका।
दरूद-ए-ताज को पढ़ने से पहले और बाद में कम से कम एक बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ना चाहिए। इसे वुज़ू की हालत में, तवज्जो से और इमान के साथ पढ़ें। इसे रोज़ाना एक बार या कम से कम हर जुम्मा को पढ़ना बहुत लाभकारी माना गया है।
"Allahumma salli ‘ala Sayyidina wa Mawlana Muhammadin Sahibit Taaji wal Mi’raaji wal Buraaqi wal ‘Alam..."
(पूरा Arabic/Transliteration ऊपर content से लिया जा सकता है या PDF लिंक में दिया जा सकता है)
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