दरूद-ए-ताज की फ़ज़ीलत और पढ़ने का तरीका | Darood-e-Taj Benefits in Hindi

Darood Sharif in Hindi

दरूद-ए-ताज की फ़ज़ीलत और पढ़ने का तरीका | Darood-e-Taj Ki Fazilat in Hindi

दरूद-ए-ताज एक प्रसिद्ध इस्लामी दरूद है जो पैग़ंबर मुहम्मद ﷺ की शान में पढ़ा जाता है। यह दरूद शरीफ़ न सिर्फ़ रूहानी फायदे देता है बल्कि दुनिया और आख़िरत में कामयाबी का भी ज़रिया है। इस लेख में हम जानेंगे दरूद-ए-ताज की फ़ज़ीलत, लाभ और पढ़ने का तरीका।

दरूद-ए-ताज की फ़ज़ीलत (Darood-e-Taj Ki Fazilat)

  • अल्लाह की रहमत: इसे पढ़ने से अल्लाह की खास रहमत और बरकतें मिलती हैं।
  • पैग़ंबर ﷺ की शफ़ाअत: दरूद-ए-ताज, नबी ﷺ की शान को बढ़ाता है और उनकी शफ़ाअत का हक़दार बनाता है।
  • पापों की माफी: इसे पढ़ने से इंसान के गुनाह माफ़ हो सकते हैं।
  • दुनियावी परेशानियों से निजात: दरूद-ए-ताज हर तरह की मुश्किलात, बीमारी, नज़र बद और तंगी से राहत देता है।
  • रूहानी ताक़त: मानसिक शांति, दिल का सुकून और रूहानी बल मिलता है।
  • आख़िरत में सवाब: यह दरूद आख़िरत के लिए सवाब और नजात का कारण बनता है।

दरूद-ए-ताज पढ़ने का तरीका

दरूद-ए-ताज को पढ़ने से पहले और बाद में कम से कम एक बार दुरूद-ए-इब्राहीमी पढ़ना चाहिए। इसे वुज़ू की हालत में, तवज्जो से और इमान के साथ पढ़ें। इसे रोज़ाना एक बार या कम से कम हर जुम्मा को पढ़ना बहुत लाभकारी माना गया है।

Darood-e-Taj (Arabic Text with Transliteration)

"Allahumma salli ‘ala Sayyidina wa Mawlana Muhammadin Sahibit Taaji wal Mi’raaji wal Buraaqi wal ‘Alam..."
(पूरा Arabic/Transliteration ऊपर content से लिया जा सकता है या PDF लिंक में दिया जा सकता है)

दरूद-ए-ताज पढ़ने के लाभ (Benefits of Darood-e-Taj)

  • रूहानी बीमारियों से निजात
  • जिन्नात, साया, और बुरी शक्तियों से हिफाजत
  • मन की शांति और दिल की मजबूती
  • रिज़्क़ और बरकत में इज़ाफ़ा
  • नबी ﷺ से मोहब्बत में बढ़ोतरी

हदीसों में दरूद की अहमियत

  • “जो मुझ पर एक बार दरूद भेजता है, अल्लाह उस पर दस रहमतें भेजता है।” — (सही मुस्लिम)
  • “क़यामत के दिन सबसे क़रीब वो होगा जिसने मुझ पर सबसे ज़्यादा दरूद भेजा।” — (तिर्मिज़ी)

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