ग़ुस्ल के फ़र्ज़ और सुन्नत | Ghusl ke Farz aur Sunnat - इस्लामी पाकीज़गी का तरीका

प्यारे इस्लामी भाइयों और बहनों,
आज हम आपको ग़ुस्ल (Ghusl) के फ़र्ज़ और सुन्नत तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। ग़ुस्ल यानि पूरा जिस्म पाक करना, इस्लाम में बहुत अहमियत रखता है। कुछ हालात ऐसे होते हैं जब इंसान को ग़ुस्ल करना फ़र्ज़ हो जाता है। अगर वह ग़ुस्ल नहीं करता है, तो इंसान नापाक रहता है और उसकी इबादतें जैसे नमाज़ और कुरआन की तिलावत क़बूल नहीं होतीं।
इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि ग़ुस्ल के फ़र्ज़ क्या हैं जिन्हें छोड़ा नहीं जा सकता, और ग़ुस्ल के सुन्नत तरीके कौन-कौन से हैं जिन्हें अपनाने से हमें अल्लाह से सवाब मिलता है।
गुस्ल करते समय बातचीत, हँसना या अन्य गैर ज़रूरी कामों से परहेज़ करना चाहिए।
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