Kalma in Hindi with Meaning – 6 Kalme | कलमा इन हिंदी अर्थ सहित

kalma in islam hindi

इस्लाम के 6 कलमे हिंदी में अर्थ सहित | Kalma in Hindi (With Meaning & Fazilat)

इस्लाम में कलमा का विशेष स्थान है। यह ईमान का मूल है और हर मुसलमान को यह कलमे याद होने चाहिएं। यहाँ नीचे 1 से 6 तक के कलमे हिंदी में उनके अर्थ और फ़ज़ीलत (महत्व) सहित दिए गए हैं।

1. कलमा-ए-तौहीद (Kalma-e-Tayyibah)

ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह

अर्थ: अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं, मुहम्मद (ﷺ) अल्लाह के रसूल हैं।

फज़ीलतें:

  • अल्लाह की निकटता प्राप्त होती है।
  • गुनाहों की माफी मिलती है।
  • दुनिया और आखिरत में सफलता मिलती है।

2. कलमा-ए-शहादत (Kalma-e-Shahadat)

अश्हदु अन ला इलाहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रासूलुहू

अर्थ: मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं और मुहम्मद (ﷺ) उसके बंदे और रसूल हैं।

फज़ीलतें:

  • ईमान मजबूत होता है।
  • अल्लाह की रहमत मिलती है।
  • आख़िरत में सवाब मिलता है।

3. कलमा-ए-तमीज़ (Kalma-e-Tamjeed)

ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहू ला शरीक लहू...

अर्थ: अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं, वह अकेला है, उसका कोई साझेदार नहीं, सब कुछ उसी का है और मुहम्मद (ﷺ) उसके रसूल हैं।

फज़ीलतें:

  • अल्लाह की महानता का एहसास होता है।
  • गुनाहों की माफी मिलती है।
  • दुनिया व आख़िरत में कामयाबी मिलती है।

4. कलमा-ए-तय्यिबा (Kalma-e-Tawheed Extended)

ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहू ला शरीक लहू लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु व हुव अला कुल्ली शैइन क़दीर

अर्थ: अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं, वह अकेला है, उसका कोई साझेदार नहीं, सारा राज्य और प्रशंसा उसी की है, और वह हर चीज़ पर क़ाबिल है।

फज़ीलतें:

  • अल्लाह की रहमत प्राप्त होती है।
  • गुनाहों की माफी मिलती है।
  • आख़िरत में सवाब मिलता है।

5. कलमा-ए-अस्तगफार (Kalma-e-Astaghfar)

अस्तग़फ़िरुल्लाह रब्बी मिन कुल्लि ज़म्बिन अदनब्तुहू व अतूबु इलैहि

अर्थ: मैं अपने रब से अपने सारे गुनाहों की माफ़ी मांगता हूँ और उसकी तरफ़ तौबा करता हूँ।

फज़ीलतें:

  • गुनाह माफ़ होते हैं।
  • दिल सुकून पाता है।
  • अल्लाह की रहमत नसीब होती है।

6. कलमा-ए-रद्द-ए-कुफ्र (Kalma-e-Rad-e-Kufr)

अल्लाहुम्मा इन्नी आऊज़ु बिक मिन शर्रि मा अजिरतु व मिन शर्रि मा लम अजिर

अर्थ: हे अल्लाह! मैं तेरी पनाह चाहता हूँ उन बुरे कामों से जो मैंने किए और जो नहीं किए।

फज़ीलतें:

  • कुफ्र से हिफाज़त होती है।
  • दिल साफ़ होता है।
  • आख़िरत में सवाब का वादा है।

नोट: कलमे याद करना और उन्हें समझना एक नेक अमल है। इन्हें अपने दिल में बसा लेना ईमान की मज़बूती का सबूत है।

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