नमाज़ की अहमियत, फर्ज़ और शर्तें क्या हैं
मुसलमान पर पाँच वक्त की नमाज़ फर्ज़ है अगर एक भी वक्त की नमाज़ छूट जाती है बहुत बड़ा गुनहगार होगा नमाज़ कुल पाँच वक्त की है फजर, जोहर, असर, मगरिब, इशा आइए अब हम आपको बताते है नमाजो की अहमियत और किस वक्त पढ़ना चाहिए।
नमाज़ मे कितनी चीजे शर्त है-
नमाज मे कुल 6 चीजे शर्त है Namaz Me Total 6 Cheeze Shart Hai
तहारत
- नमाज़ी का बदन
- कपड़ा और उस जगह का पाक होना
- जिस जगह नमाज़ पढी जाए
सतरेऔरत
- इसका मतलब मर्द को नाफ से लेकर घुटने तक
- औरत को सिवाए चेहरे हथेली और कदम के
- अलावा पूरा बदन छिपाना
इस्तकबाले किब्ला
- यानी काबा की तरफ तरफ मुँह करके नमाज़ पढ़ना
वक्त
- यानी वक्त पर नमाज पढना
- वक्त से पहले पढेंगे तो नमाज नहीं होगी
नीयत
- दिल के पक्के इरादे को नीयत कहते है
- जबान से नीयत के अलफाज कह लेना जरूरी है
तकबीरे तहरीमा
- इसका मतलब ये है की नमाज के शुरू मे अल्लाहू अक़बर कहना
- दोनों हाथो को कानो तक ले जाते हुए
नमाज़ मे कितनी चीजे फर्ज है
नमाज मे कुल 6 चीजे फर्ज है Namaz Me Total 6 Cheeze Farz Hai
केरात
- मतलब कुरआन की आयतो को पढ़ना
सजदा
- पेशानी को जमीन पर जमाना सजदे की हकीकत है
काअदा आखिरा
- बैठकर अत्तहियात ( التحیات) को पढ़ना
खुरुजे बिसनई (خروج بسنعی)
- किसी काम को कसदन तोड़ देने को खुरुज बिसनई कहते हैं
Note- अब आपकी ये सारी बाते करेक नमाज पूरी हो जाएगी
नमाज़ मकाम व मर्तबा क्या है (نماز کا مقام و مرتبہ کیا ہے)
- नमाज एक सुकून देने वाली चीज़ का नाम है
- नमाज सबसे बड़ी इबादत है|
- नमाज पढ़ने से रोज़ी करोबार, नौकरी मे बरकत होती है
- नमाज़ बुराइयो से बचाती है और नेक राह पर चलने मे आसानी हो जाती है
- नमाज़ से सारी बीमारी दूर हो जाती है और इंसान सेहतमंद हो जाता है
- नमाज़ से इंसान अल्लाह का नेक और खास बंदा बन जाता है
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