नजर उतारने का इस्लामी तरीका | Nazar Kaise Utare

nazar utarne ka wajifa

नजर उतारने का इस्लामी तरीका | Nazar Kaise Utare

इस्लाम में नजर से बचने और उतारने के लिए खास दुआएं और तरीके बताए गए हैं।  इस लेख में  हम नजर उतारने का सही इस्लामी तरीका साझा कर रहे हैं।

बुरी नजर लगना या शैतानी असर कई बार परिवार के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि,यह जरूरी नहीं कि यह हर किसी के साथ हो, लेकिन कई माँ,बहन और भाई इस परेशानी से गुजरते हैं।

अगर आप बुरी नजर से परेशान हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यहाँ बुरी नजर से बचने की इस्लामी दुआ,वजीफा और उपाय हिंदी और उर्दू में बताए जा रहे हैं। इंशाअल्लाह, इन दुआओं से आपको फायदा जरूर मिलेगा।


नजर क्या चीज है नजर कैसे लगती है नजर कैसे उतारी जाती है ? 

पुराने लोगों का कहना है की जिनकी नियत में खोट होता है जिनकी नियत खराब होती है या जिनके मन गंदा या मैला होता है उन्हीं लोगों की नजर बहुत लगती हैअच्छा किसी की नजर कम लगती है किसी की ज्यादा लगती है मगर नजर लग ही जाती हा

 तो उसका तरीका क्या है इसका उपाय क्या है इसको कैसे उतारा जाता है इस लिए अब हम आपको इसमें बताते हैं

 नजर उतारने के लिए पुराने लोगों का तरीका 

  • सात मिर्ची लाल 
  •  कुछ सरसों के दाने 
  • 2 या चार साबुत नमक ले (४) अब जिस पर नजर लगी हो उसके सर के ऊपर से सात चक्कर लगाए 
  •  फिर उसको आग में डाल दें 
  • अगर ज्यादा महक आई तो नजर कम लगी है 
  • और अगर बिल्कुल महक ना आई तो बहुत ज्यादा नजर लगी है 
  • इस तरीके से आपका नजर उतर जाएगा 

कुरान की आयतों से नजर उतारने का तरीका 

वैसे तो कुरान में अल्लाह ने हर मर्ज की दवा दी है बस इंसान को चाहिए कि वह अपने रब की नियमत का खूब-खूब चर्चा करें 

आईए जानते हैं वह कौन सी आयत है 

नज़र उतारने की दुआ हिंदी में

  • वमा अनफ़क़तम मिन्नफ़क़तिन औ नज़र तुम मिन्न् ज़रिन फइन्न्ल्लाहा
  • यालमुह वमा लिज़्जालिमीना मिन अनसार

नज़र उतारने की दुआ अरबीमें  

  • وما انفقتم من نفقة او نزرتم من نزر فان الله يعلمه وما للظالمين من انصار 

तर्जुमा: तुम जितना कुछ खर्च करो यानी खैरात और जो कुछ भी नजर मानो उसे अल्लाह ताला खूब जानता है और जालिमों का कोई मददगार नहीं 

अब सात मर्तबा पढ़कर जिसके ऊपर नजर लगी हो उस पर दम करें इंशा अल्लाह अल्लाह ने चाहा तो नजर जाता रहेगा

  Nazar Utarne Ki Dua in English: 

  • Wa ma anfaqtum min nafaqatin aw nazartum min nazrin fa innallaha
  • ya’lamuhu wa ma liz-zalimeena min ansar.


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