Quran Ki 114 Surah ka Naam Hindi Mein | कुरान की 114 सूरतों के नाम याद करें

quran ki 114 surah ke naam

कुरान की 114 सूरतों के नाम – हिंदी में | Quran mazeed ki sabse choti surah,fazilat in english mein

इस्लामी इल्म में कुरान की हर सूरह (Surah) का खास महत्व है। कुरान शरीफ में कुल 114 सूरह हैं जिनमें अल्लाह के आदेश, इंसान के लिए हिदायत और पैग़म्बरों की कहानियाँ हैं। इन सूरहों को याद करना और समझना हर मुसलमान के लिए फज़ीलत वाला अमल है।

Quran Ki 114 Surah Yaad Karne Ki Fazilat

  • 1. क़ुरआन से मुहब्बत का सुबूत: जो व्यक्ति कुरान की तमाम सूरतों के नाम याद करता है, वह कुरान से गहरी मुहब्बत का इज़हार करता है। अल्लाह ऐसे बंदों से खुद मुहब्बत करता है।
  • 2. हाफ़िज़-ए-सूरत कहलाता है: ऐसा व्यक्ति जो कम से कम सूरतों के नाम जानता है, उसे कुरान की तालीम का पहला दर्जा हासिल होता है और यह हिफ्ज़ (memorization) की शुरुआत है।
  • 3. क़यामत के दिन शफ़ाअत: हदीस में आता है कि कुरआन क़यामत के दिन शफ़ाअत करेगा। अगर आपने सिर्फ़ नाम भी याद किए हैं, तो यह शुरुआत उस नेकी की मानी जाएगी।
  • 4. दिल को सकून और नूर मिलता है: सूरतों के नाम पढ़ना और याद करना दिल को रोशन करता है और दिल से ग़फ़लत दूर करता है।
  • 5. इल्मी फ़ज़ीलत में इज़ाफा: जो शख़्स कुरान की सूरतों के नाम जानता है, वो किसी मजलिस या तालीमी सभा में इल्मी सम्मान पाता है।
  • 6. तिलावत में आसानी: अगर आपको सूरतों के नाम याद हैं, तो कुरान की तिलावत करते वक़्त सूरत ढूँढने में आसानी होती है।
  • 7. बच्चों और परिवार को सिखाने का ज़रिया: आप खुद सिखकर अपने बच्चों और घर वालों को भी सिखा सकते हैं, जिससे उन्हें भी सवाब मिलेगा और आपको अज्र मिलेगा।
???? हदीस का इशारा:
"सबसे बेहतर वह है जो कुरआन सीखे और दूसरों को सिखाए।"
— सहीह अल-बुखारी

Quran Ki 114 Suratein List Hindi Mein

  1. अल-फातिहा
  2. अल-बकरा
  3. आल-इम्रान
  4. अन-निसा
  5. अल-माइदा
  6. अल-आनआम
  7. अल-अराफ
  8. अल-अनफाल
  9. अत-तौबा
  10. यूनुस
  11. हूद
  12. यूसुफ
  13. अर-राद
  14. इब्राहिम
  15. अल-हिज्र
  16. अन-नहल
  17. अल-इस्रा
  18. अल-कह्फ
  19. मारयम
  20. ताहा
  21. अल-अंबिया
  22. अल-हज्ज
  23. अल-मुमिनून
  24. अन-नूर
  25. अल-फुरकान
  26. अश-शुअरा
  27. अन-नम्ल
  28. अल-कसस
  29. अल-अनकबूत
  30. अर-रूम
  31. लुकमान
  32. अस-सजदा
  33. अल-अहजाब
  34. सबा
  35. फातिर
  36. यासीन
  37. अस-साफ्फात
  38. साद
  39. अज-जुमर
  40. अल-मुमिन
  41. फुस्सिलत
  42. अश-शूरा
  43. अज-जुखरुफ
  44. अद-दुखान
  45. अल-जासिया
  46. अल-अहकाफ
  47. मुहम्मद
  48. अल-फत्ह
  49. अल-हुजुरात
  50. काफ
  51. अद-धारियात
  52. अत-तूर
  53. अन-नज्म
  54. अल-कमर
  55. अर-रहमान
  56. अल-वाकिया
  57. अल-हदीद
  58. अल-मुजादिला
  59. अल-हश्र
  60. अल-मुम्तहिना
  61. अस-सफ
  62. अल-जुमुआ
  63. अल-मुनाफिकून
  64. अत-तगाबुन
  65. अत-तलाक
  66. अत-तहरीम
  67. अल-मुल्क
  68. अल-कलम
  69. अल-हाक्का
  70. अल-मआरिज
  71. नूह
  72. अल-जिन्न
  73. अल-मुज्जम्मिल
  74. अल-मुद्दस्सिर
  75. अल-कियामा
  76. अल-इन्सान
  77. अल-मुर्सलात
  78. अन-नबा
  79. अन-नाजिआत
  80. अबसा
  81. अत-तकवीर
  82. अल-इन्फितार
  83. अल-मुतफिफीन
  84. अल-इनशिकाक
  85. अल-बुरूज
  86. अत-तारिक
  87. अल-अला
  88. अल-गाशिया
  89. अल-फज्र
  90. अल-बलद
  91. अश-शम्स
  92. अल-लैल
  93. अद-धुहा
  94. अल-शर्ह
  95. अत-तीन
  96. अल-अलक
  97. अल-कद्र
  98. अल-बय्यिना
  99. अल-जलजला
  100. अल-अदियात
  101. अल-कारिया
  102. अत-तकाथुर
  103. अल-अस्र
  104. अल-हुमजा
  105. अल-फिल
  106. कुरैश
  107. अल-माउन
  108. अल-कौथर
  109. अल-काफिरून
  110. अन-नस्र
  111. अल-मसद
  112. अल-इखलास
  113. अल-फलक
  114. अन-नास

निष्कर्ष

इन 114 सूरहों को याद करना न सिर्फ़ एक इबादत है, बल्कि यह कुरान के संदेश को समझने की तरफ़ एक क़दम है। हर मुसलमान को चाहिए कि वह इन नामों को याद करे और इन्हें अपने बच्चों को भी सिखाए।

अल्लाह हमें तौफ़ीक़ दे – आमीन!

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