कुर्बानी का गोश्त बांटने का तरीका | Qurbani Gosht Taqseem Karne ka Tarika

qurbani ka ghost baatne ka tarika

कुर्बानी का गोश्त बाँटने का तरीका  | कुर्बानी का गोश्त ग़रीब मिस्कीन को गोश्त देने का सवाब – Qurbani Ka Gosht Taqseem Karne Ka Tarika 


कुर्बानी के गोश्त का तीन हिस्सा करना चाहिए पहला हिस्सा अपने लिए दूसरा हिस्सा अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए तीसरा हिस्सा गरीब मिस्कीन और फुरका के लिए (फकीर) 

तीन हिस्सा कुर्बानी का गोश्त करना अफज़ल और बेहतर है अगर किसी का खानदान बहुत बड़ा है  रिश्तेदार ज्यादा है और वह जरुरतमंद है

ऐसे में में पूरा गोश्त अपने रिश्तेदार और जानने वाले में बाँट सकता है अगर किसी का खानदान बड़ा हो और वह गरीब हो तो वह अपने लिए भी सारा का सारा गोश्त रख सकता है

अगर कोई कुर्बानी का सारा गोश्त अपने पास रखता है यानी तकसीम नहीं करता है तो कोई गुनाह नहीं है क्योंकि कुर्बानी का गोश्त आपका है लेकिन बेहतर अफजल है तीन हिस्सा करके बांटना चाहिए

    कुर्बानी के जानवर का चमड़ा(ख़ाल) क्या करें?

    • जब कुर्बानी होगी तो कुर्बानी के जानवर का चमड़ा(ख़ाल) निकलता है ऐसे में कुर्बानी के जानवर का चमड़ा किसी मदरसा में दिया जा सकता है
    • अगर मदरसा में कुर्बानी का चमड़ा नहीं लिया जा रहा हो ऐसे में चमड़ा को बेचा जा सकता है

    चमड़े की कीमत जो मिले उसे गरीब में सदका करें अगर चमड़ा आपके काम का हो तो अपने काम में भी लिया जा सकता है इस चमड़े को कसाई को मजदूरी के तौर पर नहीं दिया जा सकता 

    चमड़े को बेचने के बाद उससे मिलने वाली कीमत अपने पास नहीं रखे गोश्त बनाने वाले को सदका के तौर पर नहीं देना चाहिए मस्जिद के इमाम को कुर्बानी के जानवर का चमड़ा दिया जा सकता है लेकिन हदिया के तौर पर दें

    मरहूम की तरफ से भी कुर्बानी की जाती है

    • अगर कोई मरहूम अपने जिंदगी में कुर्बानी की वसीयत किया है कि मेरी तरफ से हुई कुर्बानी का गोश्त फकीरों एवं गरीबों में बांटना है तो ऐसे में मरहूम की कुर्बानी का गोश्त फकीरों एवं गरीबों में बांटना होगा मालदार को गोश्त यह नहीं दिया जा सकता है
    • अगर ऐसी कोई वसीयत नहीं किया गया हो केवल सवाब के लिए कुर्बानी की वसीयत है ऐसे में यह क़ुरबानी का गोश्त को फ़क़ीर और मीर दोनों खा सकते हैं


    बड़े जानवर की कुर्बानी Bade Janwar ki Qurbani

    अगर बड़ा जानवर बकरीद की कुर्बानी में में जिबह किया गया हो ऐसे में सात हिस्सा किया जाएगा मतलब बड़े जानवर की कुर्बानी में सात अलग अलग लोग शामिल हो सकते है यह जो सात हिस्सा जो लगाया जाये उसे अंदाजे से न लगाकर बल्कि तौलकर लगाया जाएगा जिससे सात हिस्सेदार में किसी को कोई मलाल न रह जाए

    सात हिस्से कुर्बानी का गोश्त जो एक एक लोग को मिलेगा वह अपने हिस्सा का तीन हिस्सा करेगा उसके बाद गरीब अपने लिए रिश्तेदार के लिए लगाये लेकिन खुद का परिवार बड़ा होने की सूरत में अपने लिए सारा गोश्त रखा जा सकता है

    अगर कोई चाहे तो सारा गोश्त रख सकता है या फिर सारा गोश्त बाँट भी सकता है क्योंकि कुर्बानी का गोश्त उसका हिस्सा है इसलिए जैसे चाहे इस्तेमाल करें 

    खयाल इस बात करें कुर्बानी का जानवर जितना अच्छा खूबसूरत सेहतमंद और बेहतरीन होगा उतना ही ज्यादा सवाब आपको मिलेगा ध्यान रहे आपको कुर्बानी करना है दिल की मोहब्बत के साथ ना कि दिखावा करना है और ना ही रस्म अदा करना।


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