सदक़ा-खैरात- मदद करने का तरीका | Sadqa | imadad | madad Jakaat Karne Ka Tarika in Hindi

सदका, जकात, इमदाद, मदद, खैरात
यह सारे लफ्ज़ आप लोगों ने किसी न किसी से सुने होंगे। आज हम आप लोगों को इस्लाम के अंदर इन सारी चीजों का मतलब बताते हैं।
हजरत मोहम्मद ﷺ का फरमान है: "सदका तमाम मुसीबत को टाल देता है और अल्लाह की रहमत बंदे पर बरसती है।"
Qurani Ayat: ان الذين يتلون كتاب الله واقاموا الصلاه وانفقوا مما رزقناهم سرا وعلانيه
कुरान में आया है:
अल्लाह फरमाता है: मेरी किताब को पढ़ो, नमाज कायम करो, और मेरी दी हुई रोज़ी से चुपके या खुलकर खर्च करो।
صحیح مسلم
کتاب: زکوۃ کا بیان
باب: زکوة پہلے ادا کرنے اور اسے روکنے کے بیان میں
ترجمہ:
زہیر بن حرب، علی بن حفص، ورقاء، ابوزناد، اعرج، حضرت ابوہریرہ (رض) سے روایت ہے کہ حضرت عمر (رض) کو رسول اللہ ﷺ نے زکوٰۃ وصول کرنے کے لئے بھیجا، انہوں نے عرض किया कि ابن جمیل، خالد بن ولید और अब्बास (رض) ने ज़कात नहीं दी। तो रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया कि अब्बास की ज़कात का दोहरा हिस्सा मेरे जिम्मे है। फिर कहा: "क्या तुम नहीं जानते कि चाचा बाप के बराबर होता है।"
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