दुरूद शरीफ की फजीलत | Durood Sharif Ki Fazilat | Durood Sharif In Hindi

हुज़ूर ﷺ ने फरमाया, जो शख्स मुझ पर एक बार दरूद शरीफ भेजता है अल्लाह पाक उस पर १० रहमते नाजिल फरमाते है
दूसरी जगह हुज़ूर ﷺ फरमाया, जो मुझ पर एक बार दरूद शरीफ भेजता है अल्लाह तआला और उसके फरिश्तों पर, उस पर अल्लाह पाक सत्तर रहमते भेजते है।
हुज़ूर ﷺ ने फरमाया जब कोई ज्यादा से ज्यादा मुझ पर दरूद शरीफ भेजता रहे अल्लाह तआला उसको तमाम रंज और गम से बचा लेगा और गुनाह माफ़ फरमा देगा”
यक़ीनन दरूद शरीफ की बरकत से दुनिया एंव आखिरत की मुसीबते ख़त्म हो जाती है बहुत से औलिया अल्लाह का कौल है कि – जो कुछ हमको मिला है वह सब हुजूर नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम पर दरूद शरीफ भेजने से मिला है
अल्लाह पाक ने फरमाया मेरे फ़रिश्ते जमीन पर फिरते रहते है मेरी उम्मत के सलाम को मुझ पर पेश करते है हजरत उमर रजी फरमाते है कि
जब तक नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम पर दुरूद न भेजोगो तुम्हारी दुआए, जमीन व् आसमान के दर्मियान लटकी रहेगी दरूद शरीफ पढ़ने से दुआ कबुल होती है
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम ने फरमाया जो मुझ पर दस दरूद भेजगा, अल्लाह पाक उस पर 100 रहमते नाजिल फरमाएगा और जो 100 बार पढ़ेगा, वह निफाक व् दोजख से निजात हासिल करेगा
दरूद शरीफ पढने के बे शुमार फजीलत और फायदे है जिनको अलग लिखा जाए तो एक बहुत बड़ी और मोटी किताब बन जाए
दरूद शरीफ कब कब पढ़ना चाहिए
ऐसे बहुत से इस्लामिक भाई बहन है जो दरूद शरीफ पढ़ने का सही वक्त की जानकारी चाहिते है गरज जितना पढोगे, उतना ही अल्लाह तआला और फरिश्तो की रहमत के हकदार होगे ऐसे में जितना अधिक दरूद शरीफ पढ़ सकते है पढ़े
दरूद शरीफ पढने के लिए वक्त दुआ के शुरू और आखिर में दरूद शरीफ पढ़े सुबह एंव शाम के वक्त वुजू के बाद दरूद शरीफ पढ़े नमाज पढने के बाद दरूद शरीफ पढ़े हर काम शुरू करते वक्त सोते वक्त और सो कर उठने वक्त रंज व् गम में दरूद शरीफ पढने से इंशाअल्लाह रंज व अलम दूर हो जाएगा
कुरआन मजीद के ख़त्म करने के बाद जुमा मुबारक के दिन मस्जिद में जाते वक्त और मस्जिद को देखते वक्त नमाजे जनाजा की दूसरी तकबीर के बाद अजान के जवाब के बाद
और इकामत के वक्त जब किसी मंजिल में शरीक हो और जब वहा से रुख्सत हो दरूद शरीफ पढ़े दरूद शरीफ बाजार में जाते वक्त और वापसी के वक्त पढ़ना चाहिए जब नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का नामे मुबारक सुने लिखे दरूद शरीफ पढ़े
अल्लाह पाक ने कुरान में फरमाया:
ان الله وملائكته يصلون على النبي يا ايها الذين امنوا صلوا عليه وسلموا تسليما
तर्जुमा: बेशक अल्लाह और उसके फरिश्ते दुरूद भेजते हैं अपने नबी पर ईमान वालों तुम भी भेजो दुरुद और सलाम
पता क्या चल की दुरूद पक एक ऐसा अमल है जो खुद खुदा और उसके फरिश्ते भी करते हैं हमें और आपको चाहिए की जरूरत है इस को पढ़कर अपनी आंख को पाप अपने आप को साफ करें
किसी शायर ने कहा है
हर दर्द की दवा है सल्ले अला मुहम्मद
मर्जी हर शिफा है सल्ले अला मुहम्मद
उठो जब भी उठो दुरुद पढ़ो
किस्मत को जगानी है दुरूद पढो